Mitra ke ghar me rehkar aane ke baad usko Dhanyawad patra “मित्र के घर मे रहकर आने के बाद उसको धन्यवाद पत्र ” Hindi Letter Writing

तुम कुछ दिन अपने मित्र के यहाँ रहकर आए हो। उसे धन्यवाद देते हुए पत्र लिखो।

 

Patra-lekhan

नाम एवं पता

तिथि एवं वर्ष

प्रिय मित्र रामश्वेर

सप्रेम नमस्कार।

तुम्हारे यहाँ से लौटे कई दिन हो गए हैं। परंतु मन में वहाँ के ही दृश्य घूम रहे हैं।

मैं तुम्हारे यहाँ चार दिन रहा। मझे ऐसा लगा कि मैं अपने ही घर में हूँ। तुम्हारी माँ तो सचमुच दया और प्रेम की मूर्ति हैं। उनके हाथ के बने भोजन का स्वाद जीभ अभी तक नहीं भूली है। तुम्हारे पिताजी और मनोरमा दीदी का स्नेह भी बार-बार याद आता है। तुम्हारे पड़ोसी बकुल के लतीफे जब मैं यहाँ अपने मित्रों को सुनाता हूँ तब वे हँसते-हँसते लोटपोट हो जाते हैं।

सचमुच, वे चार दिन बड़े मजे से गुजरे। इसके लिए मैं तुम सबको धन्यवाद देता हूँ। तुम्हारे माता-पिता और दीदी को मेरा प्रणाम।

तुम्हारा मित्र,

विनोद।

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