Sadachar ke Vishay me chote bhai ko patra “सदाचार के विषय में छोटे भाई को पत्र” Hindi Letter Writing for class 7, 8, 9, 10 students.

सदाचार के विषय में छोटे भाई को पत्र

Patra-lekhan

 

सी 1/8, मॉडल टाउन,

दिल्ली।

दिनांक 14 अगस्त,

प्रिय अजय,

आनंदित रहो।

आज माता जी का, तुम्हारे विषय में पत्र पढ़कर बड़ी चिंता हुई । उन्होंने लिखा है कि तुम पढ़ाई की ओर से बिलकुल उदासीन होते जा रहे हो और साथ ही उनके आदेश का उल्लंघन भी करते हो। गल्ली डंडा और अन्य खेल-कूद तुम्हारा जीवन बन गए हैं । इस वर्ष परीक्षा में भी तुम विशेष अंक लेकर पास नहीं हुए हो। किस दिशा में तुम्हारे कदम उठ रहे हैं, यह कभी विचारा है । ऐसा लगता है कि तुम पूज्य पिता जी की वृद्धावस्था का अनुचित लाभ उठाते हुए कुसंगति की ओर बढ़ते जा रहे हो। वे तुम्हें लाड़-प्यार के कारण कुछ नहीं कहते पर तुम्हारी इस दशा को देखकर अंदर ही अंदर घुलते जा रहे हैं ।

अजय ! यह कुसंगति तुम्हें ले डूबेगी । तुम इसके दोषों को समझकर अब भी अपने जीवन रथ को सदाचार के पथ पर ले आओ; अन्यथा पछताना पड़ेगा। किसी विद्वान ने कहा है कि ‘सत्संगति मनुष्य को सब कुछ प्रदान कर सकती है और कसंगति पाप-पंक में फेंक देती है । मित्रता करना कभी भी बुरा नहीं है, सभी करते हैं; किंतु ‘मित्र कीजै जानकर पानी पीजै छानकर’ वाक्योक्ति को ध्यान में रखते हुए ही मित्रों का चयन करना चाहिए । सच्चा मित्र वही है जो:

कुपथ निवार सुपथ चलावा ।

गुन प्रगटहि अवगुनहिं दुरावा ॥”

तुम्हें असभ्य, असंस्कृत, झूठे, दंभी, सिनेमा के शौकीन और आवारागर्द मित्र तो बिना ही प्रयास के मिल जाएँगे; किंतु इस वाक्योक्ति को चरितार्थ करने वाले, तुम्हें अच्छी राह पर ले जाने वाले मित्र विरले ही मिलेंगे।

यह समय तुम्हारे जीवन निर्माण का है, यदि इसी समय तुम्हारे मन में कुभावनाएँ घर कर गईं, तो आजीवन इनसे पीछा नहीं छूट सकेगा। अत: तुम आज से नियम बनाओ सुबह उठते ही बड़ों की चरण वंदना करना, नित्य कर्म से निवृत्त होना, अध्यवसाय में लग जाना, जलपान कर विद्यालय जाना, वहाँ से लौट कर भोजनादि करना, संध्या के भोजन के बाद फिर विदयालय में दिए गए कार्य में जुट जाना । इस कार्यक्रम से तुम शीघ्र ही प्रगति की ओर बढ़ जाओगे । इसके साथ ही सदाचारी मित्रों का चयन करो और उनके साथ रहकर अपने जीवन को ऊँचा उठाओ । आशा है भविष्य में इस आशय का पत्र लिखने के लिए मुझे विवश नहीं करोगे।

पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।

तुम्हारा बड़ा भाई,

संजय रस्तोगी

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