Rakhi ke uplaksh me choti behan ko bade bhai ko patra “राखी के उपलक्ष्य में छोटी बहिन का बड़े भाई को पत्र।” Hindi Letter Writing for class 7, 8, 9, 10 students.

राखी के उपलक्ष्य में छोटी बहिन का बड़े भाई को पत्र।

Patra-lekhan

 

शिव कुटीर, जयपुर ।

दिनांक 21 अगस्त,

आदरणीय भैया,

सादर नमस्ते ।

अत्र कुशलं तत्रास्तु । भाई-बहनों के स्नेह का प्रतीक ‘रक्षा-बंधन पर्व’ दो दिन बाद आ पहुँचा है। कई वर्ष बीत गए, अपने हाथों से आपकी कलाई में राखी न बाँध पाई । हर वर्ष आप किसी न किसी उलझन के कारण बहिन के घर आने का मौका ही नहीं निकाल पाते । किंत भैया, आप आएँ या न आएँ, पर यह पुनीत पर्व तो अपनी निश्चित तिथि पर आ ही जाता है, सो आपके लिए वह पुनीत राखी भेज रही हूँ। कम से कम इन धागों में मेरी सूरत तो देख ही लोगे, पर मैं तो आपको देखने के लिए तड़पती ही रहती हूँ। यह तड़पन भी बड़ी विचित्र है । मुझे भी घर से निकलने का अवसर ही नहीं मिल पाता । गृहस्थी के बंधनों ने मेरे पैरों को जकड़ दिया है । आपके जीजा जी का यहाँ पर दायित्व, आपसे भी अधिक है । देखिए, आप दोनों को मेरे नेत्रों की प्यास मिटाने की फुरसत कब मिल पाती

‘रक्षा ‘बंधन’ के इस पुनीत पर्व पर ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि आप जुग जुग जिएँ तथा सदैव सुख एवं शांति से रहें ।

भाभी जी को नमस्ते कहना और कविता को मृदुल प्यार ।

आपकी प्रिय बहिन,

ज्योत्स्ना

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