Rakhi ke uplaksh me bade bhai ka choti behan ko patra “राखी के उपलक्ष्य में बड़े भाई का छोटी बहन को पत्र” Hindi Letter Writing for class 7, 8, 9, 10 students.

राखी के उपलक्ष्य में बड़े भाई का छोटी बहन को पत्र

Patra-lekhan

 

श्याम विला,

बड़ौदा ।

दिनांक 24 अगस्त,

प्रिय ज्योत्स्ना,

सदा सुहागिन रहो !

अत्र कुशलं तत्रास्तु । कल भाई-बहिनों के स्नेह का प्रतीक ‘रक्षा-बंधन पर्व’ बोत गया । तुम्हारी भेजी हुई राखी कल कविता ने अपने नन्हें हाथों से मेरी कलाई में बाँधी । उन स्निग्ध तारों से बँधे हुए कमल में तुम्हारा सलौना मुखड़ा मेरे सम्मुख नृत्य कर उठा । तुम्हारा बाल हठ और छोटी-छोटी बातों पर रूठना स्मरण हो आया । तुम्हारे से मिलने के लिए मैं भी उतना ही आतुर हूँ जितना कि तुम । पर कार्य की अधिकता से विवश हूँ । अगली बार आने का अवश्य प्रयास करूंगा। तुम राकेश बाबू के साथ ही दो-चार दिन के लिए इधर निकल आओ । मिलन भी हो जाएगा और वायु परिवर्तन भी । अब मैं इस पुनीत पर्व स्मृति में अपनी प्यारी बहिन को एक कलाई घड़ी भेज रहा हूँ। आशा है कि यह उपहार तुम्हें अवश्य पसंद आएगा । विशेष रूप से घड़ी मैंने स्विटज़रलैंड से मँगवाई थी । बड़े भाई की ओर से इस स्नेहोपहार को स्वीकार करो । इसके साथ ही राकेश बाबू के लिए एक ‘शेफर पैन’ भी है। जब भी वे इससे काम किया करेंगे, मेरी स्मृति उनकी आँखों के सामने उभर आया करेगी।

तुम्हारी भाभी भी तुम्हारे यहाँ आने की प्रतीक्षा में है । शेष सब कुशल है। कविता अपनी बुआ और फूफा जी को नमस्ते कहती है।

पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ।

तुम्हारा बड़ा भाई,

प्रभात कुमार

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